Friday, September 13, 2019

New Shayari By Praveen Kumar Pandey

अपनी फिकर कर सबका ठेकेदार मत बन,
खुद का स्वाभिमान बना दूसरों का अहंकार मत बन,
यहां सब अपनी ही खिचड़ी पकाने में लगे हैं,
ऐतिहातन बेवजह सबका वफ़ादार मत बन।

अपनी कीमत स्वयं तय कर,
औरों के द्वारा खरीदे जाने वाला बाज़ार मत बन।

तेरी तरह यहाँ सभी सिपाही हैं,
उनको दबाकर उनका सरदार मत बन।

अपनी जुबां से सिर्फ अपनी बात कह,
हर जगह चौंच घुसाकर सबका दावेदार मत बन।

अपनी फिकर कर सबका ठेकेदार मत बन,
खुद का स्वाभिमान बना दूसरों का अहंकार मत बन,
यहां सब अपनी ही खिचड़ी पकाने में लगे हैं,
ऐतिहातन बेवजह सबका वफ़ादार मत बन।

_pk_Nobody_ 

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