Thursday, June 27, 2019

Naughty Love Ghazal


मजाक-मस्ती और सजा भी तुम ही हो,
जो मुझे संभाल सके वो शख़्स भी तुम ही हो,
मेरी दोस्त हो या इश्क़ उसका तो पता नहीं,
लेकिन मेरी बत्तीमीज़ियों की वजह भी तुम ही हो ।

तुम्हारा नूर सा चेहरा तारीफों का मोहताज़ नहीं,
मगर मेरी रातों के आसमां का चाँद भी तुम ही हो ।

बकने को तो मैं कभी भी कुछ भी बक देता हूँ तुमसे,
पर कसम से मेरी आवारगी का कारण भी तुम ही हो ।

यूँ तो रोज़ कई आती जाती रहती हैं मेरी ज़िन्दगी में,
मगर मेरे अंदर ठहर के चलने वाली फ़िज़ा भी तुम ही हो ।

Written by: _pk_Nobody_


Monday, June 24, 2019

Sad Shayari


न जाने अब तुम्हारी फ़िकर क्यों नहीं होती,
तुमसे गुफ्त-गुं करने की बेताबी क्यों नहीं होती,
 मरी नहीं हो तुम, अभी भी ज़िंदा ही हो, 
मगर अब तुम्हारी ख़ामोशी से
मुझे कोई दिक्कत क्यों नहीं होती ।

Written By: _pk_Nobody_