Friday, March 6, 2020

New Ghazal (6-3-2020)

गजल

हो मोहब्बत तो उसका इज़हार होना चाहिए,
उतरो दरिया में तो दरिया से भी प्यार होना चाहिए,
माना पहली चाहत, पहली चाहत होती है मगर,
अगर इश्क़ एक खता है तो ये खता बार-बार होना चाहिए।

लुका-छुपी वाली मोहब्बत भी भला क्या मोहब्बत हुई,
मोहब्बत के चर्चे तो पूरे बाज़ार होना चाहिए।

मोहब्बत कोई आने-जाने वाला जुखाम नहीं,
मोहब्बत का बुखार तो दिल और दिमाग में सवार होना चाहिए।

इश्क़ करना कोई बुजदिलों का खेल नहीं,
दिल टूट कर बिखर जाने के लिए हमेशा तैयार होना चाहिए।

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