_pk_Nobody's_Writings
Friday, December 21, 2018
4 Line Shayari
दस्तक देने की ज़रूरत नहीं मुझे पता है तुम कौन हो,
आए हो मुखौटा लगाकर लेकिन मुझे पता है तुम कौन हो,
अपने जिस्म से लीबाजे चाहे जितने बदल लो,
तुम्हारी फितरत से ला इल्म नहीं मुझे पता है कि तुम कौन हो।
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