Friday, December 14, 2018

Four Line Shayari


नए शहर के नए चेहरों को देख कर अच्छा लगा,
खुद की कमाई से ज़िन्दगी जी कर अच्छा लगा,
छोटे-मोटे थपेड़े ज़रूर पड़ रहे हैं,
मगर खुले समंदर में अकेले तैर कर अच्छा लगा ।


I Had Written Above Shayari After Earning Few Months of Salary In the New City of Hyderabad.

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