ग़ज़ल
तू हर मोड़ पर एक नया सवाल करती है,
गलती से भी रूठ जाए तो बड़ा बवाल करती है,
मेरे लिए तुझसे ज्यादा खूबसूरत चीज और कुछ भी नहीं,
शायद इसलिए ए जिंदगी तू बेहद अनोखे कमाल करती है.
ए जिंदगी अगर तुझसे मोहब्बत हो जाए तो,
तू हर मोड़ पर सही गलत का ख्याल करती है.
तू किसी के नसीब में गमों का पहाड़ देती है,
तू किसी को ताह उम्र के लिए मालामाल करती है.
जिन्हें जिंदगी से अक्सर शिकायतें रहती हैं,
तू उनके लिए भी कुछ ना कुछ धमाल करती है.
यह जिंदगी इस प्रवीण ने तुझ से बहुत कुछ सीखा है,
तभी शायद तू मेरे हर फैसले का दिल से इस्तकबाल करती है.
_pk_Nobody_
No comments:
Post a Comment