Friday, September 27, 2019

New Ghazal By Praveen Kumar Pandey

ग़ज़ल

ज़िन्दगी की करवटें हमें बहुत कुछ सिखा जाती है,
ख़ुशी और गम का प्याला एक साथ पिला जाती है,
ज़िन्दगी हमारे ज़ज़्बातों की क़दर तो करती है,
मगर आखिरी वक़्त आने पर मिट्टी में मिला जाती है

रिश्ते कितनी भी शिद्दत से क्यों ना निभा लो,
पर सामने वाले की फ़ितरत दिमाग की नस हिला जाती है

जिन्हें आप बहुत शरीफ़ और मासूम समझते हैं,
अक़्सर उन्हीं के हरक़तें आपके मुहँ को सिला जाती है

कहने को तो ज़िन्दगी एक खूबसूरत सफ़र है,
लेकिन ये सफ़र आपको बहुत से लोगों का ज़हर पिला जाती है

ज़िन्दगी हमारे ज़ज़्बातों की क़दर तो करती है,
मगर आखिरी वक़्त आने पर मिट्टी में मिला जाती है

                                                                        _pk_Nobody_

Tuesday, September 24, 2019

New Ghazal By Praveen Kumar Pandey

ग़ज़ल
तेरी मजबूरियों की वजह से ये इंसां कहीं बेनाम न हो जाए,
हमारी पनपती मोहब्बत कहीं नीलाम हो जाए,
एतिहातन थोड़ी कोशिश तो करके देखते हैं,
वगरना हमारे अनकहे अलफ़ाज़ कहीं सरेआम न हो जाए!

मुझे पता है, हर चीज़ सलीके से होती है,
पर सलीकों से कहीं हमारा इश्क़ बिन गुठली के आम न हो जाए!

माना कि हम बात-बात पर लड़ते रहते हैं,
लेकिन किसी दिन कहीं हमारे दिलों के बीच कत्लेआम न हो जाए!

मुझे ख़बर है कि मेरे लिखे हर लफ्ज़ तेरे अंदर तक उतरते हैं,
लेकिन तुम्हारे कारण कहीं मेरी मोहब्बत की कलम बदनाम न हो जाए!

                                                                       _pk_Nobody_

Sunday, September 22, 2019

New Ghazal By Praveen Kumar Pandey

ग़ज़ल

रोज़ जिंदा रहने के लिए जीने की एक आस होना चाहिए,
जिसका फलक तक दीदार कर सकूँ वो चेहरा ख़ास होना चाहिए,
ज़िस्मानी मोहब्बत से मुझे परहेज़ नहीं,
लेकिन इश्क़ के दरमियां भी कुछ अनकहे एहसास होना चाहिए।

साथ जीने मरने की कसमें खाना जरुरी नहीं,
मगर तुम्हारी धड़कनों में मेरी सांस होना चाहिए।

दूरियां कितनी भी क्यों ना बढ़ने लगे हमारे बीच,
पर बातों की यादों का पिटारा हर पल दिल के पास होना चाहिए।

ये प्रवीण हर किसी पर मर मिटने वाला इंसान नहीं,
जिसे दिल से खेलने दे सकूँ वो शख़्स वाकई में ख़ास होना चाहिए।

                                                                      _pk_Nobody_