किस ने किस से क्या कहा हमें क्या पता,
दंगों में हिन्दू मरा या मुसलमान हमें क्या पता,
आग तो दोनों तरफों से लगाई गई थी,
किसका घर जला, किसका बचा हमें क्या पता ।
हम आज़ाद हिंदुस्तान के लोकतंत्र में जन्में इंसां है,
अब बाबर कौन थे और राम कौन थे हमें क्या पता ।
वो बड़ी उजलत में हम से रुसवा होकर चले गए,
ना जाने आबाद हुए या बर्बाद हुए हमें क्या पता ।
नाम तो दोनों का ही बहुत ज़्यादा सुना है,
मगर अब चौकीदार चोर या जीजा चोर हमें क्या पता ।
कुछ लोग कहते हैं कि यह प्रवीण अच्छा लिखता है,
लेकिन वो सब सच बोलते हैं या झूठ हमें क्या पता
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