ग़ज़ल
ज़िन्दगी की करवटें हमें बहुत कुछ सिखा जाती है,
ख़ुशी और गम का प्याला एक साथ पिला जाती है,
ज़िन्दगी हमारे ज़ज़्बातों की क़दर तो करती है,
मगर आखिरी वक़्त आने पर मिट्टी में मिला जाती है।
रिश्ते कितनी भी शिद्दत से क्यों ना निभा लो,
पर सामने वाले की फ़ितरत दिमाग की नस हिला जाती है।
जिन्हें आप बहुत शरीफ़ और मासूम समझते हैं,
अक़्सर उन्हीं के हरक़तें आपके मुहँ को सिला जाती है।
कहने को तो ज़िन्दगी एक खूबसूरत सफ़र है,
लेकिन ये सफ़र आपको बहुत से लोगों का ज़हर पिला जाती है।
ज़िन्दगी हमारे ज़ज़्बातों की क़दर तो करती है,
मगर आखिरी वक़्त आने पर मिट्टी में मिला जाती है।
_pk_Nobody_